Friday, December 30, 2022

साइंतिका क्या है, सायटीका क्या है, सायटीका का कारण, सायटीका का लक्षण, सायटीका का उपचार,

मेरे प्यारे पाठकों मैं आप का दोस्त आपका भाई रवि शंकर मेहता आपसब के लिए आज फिर एक नये हेल्थ टिप्स और उसके उपचार, कारण यह सब मे इस लेख मे बताऊंगा। आज का हमारा टॉपिक sciatica है, यह एक ऐसा टॉपिक है जिनसे लगभग हर 10 मे से 7 लोग इस रोग से परेशान है। इसको आमतौर पर बैक पैन भी कहते है। तो आइये शुरू करते है जो हमारा आज का विषय है साइंतिका।

सायटिका है क्या? सबसे पहले ये जानते है।
सायटिका एक प्रकार की नर्वस सिस्टम मतलब तांत्रिका तंत्र की समस्या है जिसमे बैक से लेकर पाँव तक बहुत ज्यादा और तीव्र दर्द होता है और पैर और एड़ी मे कमजोरी और सुन्न और सिहरन रहता है। साइटिका एक सामान्य, लेकिन बहुत ही गंभीर समस्या है। दरअसल, कमर से संबंधित नसों में से अगर किसी एक में भी सूजन आ जाए तो पूरे पैर में असहनीय दर्द होने लगता है, जिसे साइटिका कहा जाता है। 50 साल से अधिक उम्र या मोटे लोगों में यह समस्या आम है।

सायटीका का क्या कारण होता है।
सायटीका का मुख्य कारण नस का दबना होता जिनसे कमर से निचे पाँव तक बहुत ज्यादा तीव्र दर्द रहता कभी कभी तो लगता है की पैर मे कोई जान ही नहीं है बेजान सा हो गया चलना फिरना, उठना बैठा सब मुश्किल हो जाता है। और भी कारण है जो इस प्रकार है।
1. रीढ़ की नाल का पतला होना।
2. स्पिनल कॉर्ड की डिस्क का टूटना।
3. एक वर्टीबरा का दूसरे वर्टीबरा पर दवाब डालना। वर्टीबरा के डिसलोकेशन का होना।
4. कोई इंजूरी।
5. पीठ अथवा कुलहे के मस्पेसियों मे खींचाओ। 6. गठिया
7. नस पर दवाब पड़ने के कारण।
8. एक ही स्थान पर लम्बे समय तक बैठे रहने के कारण।

सायटीका के लक्षण क्या है?
सायटीका के बहुत सारे लक्षण है जैसे :-
 1. कमर दर्द
2. बैठने पर बहुत तीव्र दर्द होना।
3. कूल्हे का दर्द
4. पैरों मे जलन और झुंझुनी महसूस होना।
5. कमजोरी, सुनापन, तथा पैर को इधर उधर करने मे कठिनाईया होती है।
6. पीछे की तरफ एक साइड मे लगातार दर्द रहना।
7. खड़े होने या खड़ा रहने मे समस्या होती है।
8. दर्द कभी बहुत तीव्र तो कभी बहुत कम होता है।
9. दर्द कभी एक पैर मे तो कभी दोनों पैरो मे हो जाता है।
10. कभी कभी यह दर्द कमर से होकर एड़ी तक पहुंच जाता है।
11. कभी कभी यह दर्द कमर से एड़ी तक ऊपर निचे करता रहता है।
12. दर्द अधिक बढ़ जाने के कारण मरीज़ लंगड़ा के चलने लगता है। इत्यादि।

सायटीका मे क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए।
 क. मरीज़ को 2,3 सप्ताह तक बेड रेस्ट करना चाहिए।
ख. ज्यादा वजन नहीं उठाना चाहिए।,
ग. गद्दीदार बिस्तर का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
घ. पैरों पर मालिस भूल के भी नहीं करना चाहिए नहीं तो दर्द और बढ़ जायेगा।
ड़. सायटीका का कारण का पता लगा के ही इलाज करना चाहिए।
च. मरीज़ को गर्म शिकाई करनी चाहिए।
छ. मरीज़ को अगर बुखार हो तो पहले उसका इलाज करना चाहिए।
सायटीका का उपचार।
सायटीका का इलाज स्वयं नहीं करना चाहिए। हमेशा डॉक्टर के परामर्श से ही दवा का सेवन करना चाहिए। ऐसे मरीज़ को कम्पलीट बेड रेस्ट करना चाहिए। और कभी ज्यादा वजन नहीं उठाना चाहिए।
आइये अब हम इसके उपचार के बारे मे जानते है की सायटीका मे कोनसी दवा लेनी चाहिए।
1. Zeredol-P टेबलेट एक गोली सुबह एक गोली शाम।
2. Neurobion Forte टेबलेट एक गोली सुबह एक शाम
3. Wysolon 5mg टेबलेट सुबह शाम एक एक गोली कुछ समय क लिए लिया जा सकता है
4. Move Ointment सुबह शाम दर्द के जगह लगाए।
अगर ऊपर दिए हुए दवा से आराम नहीं मिले तब दर्द कम करने के लिए इंजेक्शन लेना चाहिए जैसे :-
1. Dilona Injection 1ml IM सुबह शाम
                   or
Tramadol Injection 2ml IM सुबह शाम
2. Neurobion Forte Injection 2ml सुबह शाम or
गर्म पानी की थैली से शिकाई करनी चाहिए।

नोट :- यह सब दवा एक कुशल डॉक्टर के देख रेख मे ही लें अपने से कोई भी दवा नहीं लें। क्योंकि आप or आपकी सेहत को एक डॉक्टर से अच्छा कोई नहीं समझ सकता है। इसलिए कोई भी दवा बिना डॉक्टर के परामर्श के स्वयं से ना लें।

आप सब से नम्र निवेदन है की हमारी लेख आप को पसंद आयी हो तो लाइक कमेंट or अपने सगे सम्बंधियों मित्रों को अवश्य शेयर करे जिससे ओरो को भी इसका फयदा मिल सके।

धन्यवाद
आपका मित्र
रवि शंकर मेहता
MBA, EMT,CMS-ed कलकत्ता बंगाल
11 years Pharma एक्सपीरियंस, दिल्ली, बिहार
3 year Hospital एक्सपीरियंस, पटना

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Saturday, December 24, 2022

दवा अगर रिएक्शन कर जाये तो क्या करे, दवा रिएक्शन का उपचार, दवा रिएक्शन कर जाये तो क्या करे,

मित्रों और मेरे प्यारे पाठकगन आपसब को मेरे सहहिर्दय धन्यबाद, आपसब का प्यार ही मुझे हमेशा लेखन कार्य को प्रोत्साहित करता है। आज फिर मे आपसब के लिए हमेशा की तरह फिर दवा और सेहत से जुडी जानकारी लेकर आपके समक्ष प्रस्तुत हुँ, हमेशा की तरह इस लेख पर भी आपके का प्यार और सहयोग चाहता हुँ।

आपसब का अपना भाई, रवि शंकर मेहता MBA ( मेडिकल प्रैक्टिसनर )CMS-ED, EMT कलकत्ता बेस्ट बंगाल, 11 साल का फार्मा अनुभव और 3 वर्ष हॉस्पिटल अनुभव के आधार पे मे आपसब के समक्ष अपने अनुभव और ज्ञान के आधार पर आपके साथ साझा कर रहा हुँ।


आज हम इस लेख मे जानेगे, पढ़ेंगे और समझेंगे की अगर कोई दवा खाने के बाद किसी मरीज़ को दवा रिएक्शन कर जाये या कर जाता है तो हमें तुरंत क्या करना चाहिए उसको जानेंगे। तो आइये शुरु करते है।


दवा रिएक्शन का हल एवं उसका उपचार।

अगर कोई दवा रिएक्शन कर रहा है या रिएक्शन कर गया है तो कैसे जानेंगे की दवा रिएक्शन कर गया है तो उसका कुछ लक्षण होता है जो हमें हमारे शरीर पर दिखने या महसूस होने लगता है। जो इस प्रकार है।

दवा रिएक्शन के लक्षण :-

1. शरीर मे कपकपी होना।

2. शरीर मे चकता चकता होना।

3. खुजली होना।

4. नज़र का कमजोर होना।

5. उलटी होना या उलटी जैसा मन करना।

6. सूजन होना।

अगर ऊपर दिए कोई भी लक्षण अगर कोई भी दवा खाने के बाद दिखाई दे तो समझ लीजिये की आपको दवा रिएक्शन कर गया है, या कर रहा है।

दवा को रिएक्शन को हटाने या ख़त्म करने के लिए कुछ दवाइयाँ आती है जिनके लेने से दवा के रिएक्शन को ख़त्म किया जा सकता है। जो मे निचे लिख रहा हु वो इस प्रकार है।

दवा के नाम और उसके मिश्रण (composition)

जो मे दवाइयाँ बताने जारहा हुँ वो sub दवाइयाँ एंटी -हिसटामिन और एंटी- एलर्जीक ग्रुप से सम्बन्ध रखते है। जो इस प्रकार है।

1. Avil इंजेक्शन & टेबलेट ( pherniramine malate ) IV/IM stat/ टेबलेट ओरल

2. Dexona इंजेक्शन / टेबलेट (Dexamethasone) IM/IV stat / टेबलेट ओरल

Avil + Dexona : सबसे पहले जब किसी मरीज़ को दवा रिएक्शन करता है यही दोनों इंजेक्शन को अलग अलग या एक साथ मिला के मरीज़ को हम IV / IM दोनों लगा सकते हैं। और इसके बाद भी ठीक ना हो तो फिर दूसरी दवा देंगे जो इस तरह है। निचे क्रम मे दिया हुआ है।

3. Promethazine इंजेक्शन / टेबलेट (0.5./kg ओरल टेबलेट या इंजेक्शन IV stat.

4. Cetrizine (0.2mg/kg ओरल टेबलेट

5. Fexofenadine (2.5mg/kg ओरल डोज़ टेबलेट 

6. Epinephirne (0.01mg/kg इंजेक्शन IM stat प्रत्येक 5 से 10 मिनट पर जब तक आराम ना मिले )

7. Hydrocortisone sodium succinate (Trycort 100mg injection) IV/ IM stat

8. Adrenaline Bitap (VasoCon) इनेक्शन IV/IM stat.


अब हमलोग जानेंगे इनके dose (मात्रा) कितना और कैसे लगाना है।

1. Avil+Dexona(steriods) इंजेक्शन IM/IV stat रूट।

Dose : व्यस्क : Avil 2ml + Dexona 2ml दोनों मिला के IV लगाना है।

Dose: चाइल्ड : Avil 1ml+ Dexona 1ml दोनों मिला के IV लगाना है।

इसके लगाने के 10 मिनट मे आराम नहीं मिलता है, तब हम्हे दूसरा Troycort 100mg इंजेक्शन लगाएंगे।

2. Troycort 100mg इंजेक्शन (Hydrocortisone sodium succinate)

Trycort 100mg इंजेक्शन लगाते है अगर इसके लगाने के बाद भी सूजन नहीं जारहा हो तब trycort 200mg इनेक्शन लगाएंगे। IV/IM 100mg सुबह 100mg शाम।

3. Epinephrine (0.01mg/kg इंजेक्शन प्रत्येक 5 से 10min जब तक मरीज़ को आराम ना मिले। यह डॉक्टर के देख रेख मे होना चाहिए।

इनसब के बाद मरीज़ को चकर भी आरहा हो तो BP चेक करेंगे, BP कम हो या diarrhoea के वजह से हो रहा हो तो Ringer Lactet IV इन्फूज़ (लगाएंगे )करेंगे।

क. अगर मरीज़ को उलटी या उलटी जैसा हो रहा हो तो ondansitron इंजेक्शन IV/IM लगा सकते है व्यस्क - 4ml, और बच्चा - 2ml।

ख. अगर मरीज़ को बुखार हो तो पेरासिटामोल इंजेक्शन या टेबलेट देंगे। मात्रा - 15mg/kg शरीर के वजन अनुसार, 100ml पेरासिटामोल infusion भी लगा सकते है।

ग. Anaphylaxis शॉक रिएक्शन :- इसमे ब्लड प्रेशर कम हो जाता है, पल्स रेट तेज़ होना, शरीर मे ऑक्सीजन सप्लाई का कम हो जाना, मरीज़ बेहोसी की हालत मे जा सकता है।

4. Vasocon ( Aderanalline bitap) इंजेक्शन IM/IV stat लगा सकते है

मात्रा - व्यस्क - vasocon 1ampule subcutaneous लगाएंगे। बच्चा - 1/2 ampule subcutaneous लगाएंगे।


पढ़ने के लिए आपका सहहिर्दय धन्यबाद।

आपका अपना भाई।

रवि शंकर मेहता

MBA( Amity University Noida)

EMT- (Prabha institute Patna)

CMS-ed (Future health institute ) kalkatta west Bengal.

11year Pharma experiance

3year Hospital experiance (Helious Hospital & Research Center) Patna.


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Saturday, December 17, 2022

गठिया का इलाज, गठिया क्यों होता है, गठिया के लक्षण, गठिया का उपचार,

आज हम इस लेख मै यह पढ़ेंगे और समझेंगे की गठिया क्या है, क्यों होता है, और इसके लक्षण और उपचार क्या है। तो आइये शुरु करते है।

 गठिया क्या है और कैसे और क्यों होता है?

गठिया मै एक या एक से अधिक जोड़ों मे दर्द, सूजन तथा जोड़ों मे अकरण से होने वाला दर्द को गठिया कहते है। गठिया कई प्रकार के हो सकते है, इसके कारण भी अलग अलग हो सकते है जैसे हड्डियों मै घिसाऊ, जोड़ों मै सिनोबियाल फ्लूड की कमी, शंक्रमण, यूरिक एसिड का शरीर मै अत्यधिक बनना, इत्यादि।

गठिया कैसे होता और इसका कारण?
शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली - जो आमतौर पर संक्रमण से लड़ती है - गलती से उन कोशिकाओं पर हमला करती है जो आपके जोड़ों को पंक्तिबद्ध करती हैं, जिससे जोड़ों में सूजन, अकड़न और दर्द होता है। इसी कारण कुछ समय के बाद, जोड़ों, नरम हड्डी और आसपास की हड्डी को नुकसान पहुँचा सकती है। गठिया ये शरीर में कैल्शियम की कमी के कारण भी हो सकती है। इसके होने पर जोड़ों में ऐठन,दर्द व सूजन बनी रहती है। और चाल-फिर करने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

गठिया के लक्षण
गठिया के कई सारे लक्षण हो सकते है जैसे :-
जोड़ों मे दर्द, जोड़ों मे अकरण, जोड़ों मे सूजन, जोड़ों मे फ्लूड्स की कमी, कार्टलेज के घिसने के कारण, जोड़ों मे खींचाऊ, संक्रमण, यूरिक एसिड शरीर मे जरुरत से ज्यादा बनना इत्यादि।
गठिया का उपचार?
गठिया का कोई स्थायी उपचार नहीं है। उपचार का मकसद सिर्फ दर्द और सूजन को सीमित करना और संयुक्त कार्य को संरक्षित करना है। उपचार के विकल्पों में दवाएं, वजन कम करना, व्यायाम और सर्जरी शामिल हैं।
रुमालिया फोर्टे हिमालया कंपनी का है जो सभी प्रकार के गठिया के लिए सबसे व्यापक रूप से उपयोगी आयुर्वेदिक उपचारों में से एक है. यह तीनों दोष (वात, पित्त और कफ) को शांत करता है और दर्द और सूजन से राहत देता है. प्रतिदिन भोजन से पहले या बाद में इसकी एक या दो गोलियां 2-3 बार ले सकते हैं या डॉक्टर की सलाह के अनुसार इसका सेवन कर सकते हैं.
अगर हम अल्लोपैथिक जनरल प्रैक्टिस की बात करे तो मरीज़ के कंडीशन और बीमारी की इतिहास को देखते हुए कुछ दवाइयाँ लिखी जाती है जो मे निचे बता रहा हूं, लेकिन आप इससे बिना किसी डॉक्टर के सलाह के नहीं ले।
अगर मरीज़ 40 वर्ष से अधिक का है तो उससे मे इस तरह से दवा दे सकते है -
1- टेबलेट रुमालाया फोर्टे  2टेबलेट दिन मे 2 बार पहला महिना उसके बाद 1 गोली दिन मे 2 बार।
2- टेबलेट डिफेंलेज़ाकोर्ट 6mg 1गोली दिन मे 2 बार
3- टेबलेट डोलोनेक्स dt 1गोली दिन मे 2 बार
4- टेबलेट कैल्शियम 1 गोली दिन मे एक बार।
5- पेनिदुर LA 6 इंजेक्शन सफ्ताह मे एक बार मास मे।
नोट - ये दवा अपने से लेने से पहले डॉक्टर के जरूर सम्पर्क कर लें क्योंकि डॉक्टर आपके कंडीशन को देख के अपने अनुसार सलाह देंगे जो आपके लिए सही होगा।
गठिया मे क्या खाना चाहिए जो गठिया मे मरीज़ को फायदा हो।
लहसुन, अदरक, ब्रोकली, पालक, टमाटर और कद्दू गठिया रोग में फायदेमंद होता है। मछली का भी सेवन करना चाहिए। ओमेगा 3 फैटी एसिड युक्त मछली में एंटी इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टी होती है जो सूजन को कम करने में मदद करती है। अत्यधिक ठंडा खाद्य पदार्थ या ठंडे पानी, दही, आइसक्रीम, बर्फ से बानी खाद्या पदार्थ, के सेवन से परहेज करे।

अगर आपको मेरा ये पोस्ट अच्छा और ज्ञानप्रद लगा हो तो पेज को लाइक फॉलो कमेंट और सब्सक्राइब कर दे। इससे हमारा थोड़ा आत्मविश्वास बढ़ता है और मे आपके के लिए ऐसे ही ज्ञानप्रद स्वाथ्य जानकारी लिखते रहेंगे।

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Ravi Shankar Mehta
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Friday, December 9, 2022

सफर के दौरान उलटी या सर चकराने पर देने वाली दवा।, मोशन सिकनेस,

 सफर के दौरान उलटी या सर चकराने पर देने वाली दवा।

हम इस लेख मै यही जानने वाले है, की अगर कभी सफर मै या सफर के दौरान किसी को चकर या उलटी, मतली जैसा महसूस हो या होने लगे तो हमें उस वक़्त कोनसी दवा लेनी है या लेनी चाहिए, हम लोग आज इस लेख मै यही जानेगे। तो आये शुरु करते है।

Buclizine 25mg/50mg टेबलेट

Buclizine टेबलेट ये इसका जनरिक नाम है ये मार्किट मै अपने जनरिक नाम से भी उपलब्ध है। Buclizine एक एंटीहिस्टामीन (एंटीहिस्टामाइन वे दवाएं हैं जिनका उपयोग अक्सर एलर्जी के लक्षणों को दूर करने के लिए किया जाता है, जैसे हे फीवर, पित्ती(hives), नेत्रशोथ (conjunctivitis) और कीड़े के काटने (insect bite), नाक बहना इत्यादि के प्रयोग मै किया जाता है।जिसमें एंटीकोलिनर्जिक (एंटीकोलिनर्जिक ऐसी दवाएं हैं जो केंद्रीय (CNS) और परिधीय तंत्रिका तंत्र (PNS)सिनैप्स दोनों में न्यूरोट्रांसमीटर एसिटाइलकोलाइन (ACH) की गतिविधि को रोकती है और बाधित करती हैं।) और एंटी-वर्टिगो (चकर वर्टिगो एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति को हिलने-डुलने या ऐसा लगता है की आस-पास की वस्तुओं के हिल डोल रही है और ये एहसास तब होता है जब वे नहीं चल रही होती हैं। साथ मै मतली, उल्टी, पसीना, या चलने में कठिनाया हो सकती है।)भी है। Buclizine मैकेलीज़ीन और साइप्रोहेप्तातिदिन के समान ही है, और लगभग एक जैसा ही काम करते है।

Buclizine के प्रमुख ब्रांड के नाम इस प्रकार है।

1) लोंगीफेन टेबलेट
इसको मैनकाइंड कंपनी बनाती है।
2) लॉन्गमैक्स  टेबलेट
इसको लेमफोर्ड बायोटेक कंपनी बनाती है।

Buclizine 25mg/50mg टेबलेट के उपयोग।

1. चकर
2. एलर्जी रिएक्शन
3. मोशन सिकनेस ( सफर के दौरान उलटी या सर चकराने पर )
4. माइग्रेन के दर्द मै
5. वजन बढ़ाने मै
6.पित्ती(hives), ulticeria 
7. नेत्रशोथ (conjunctivitis)
8. कीड़े के काटने (insect bite),
 9.नाक बहना (Running Nose)

दुशप्रभाओ साइड इफ़ेक्ट

वैसे तो आमतौर पे कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं है इसका फिर भी कुछ कॉमन साइड इफ़ेक्ट देखने को कभी कभी मिल सकते है वो मै निचे लिख दिया है।
1. नींद आना
2. चकर आना
3. BP कम होना
4. मुँह का सुखना
5. दौरा पड़ना
6. भूख का बढ़ना इत्यादि।

आप को हमारा यह लेख कैसा लगा वो मुझे आप कमेंट कर के बता सकते है।
अगर कुछ सुझाव भी देना चाहते है तो आप मुझे दे सकते है।
या आप डायरेक्ट मेरे यूट्यूब चैनल, इंस्टा, फेसबुक से जुड़ सकते है और मेरे चैनल ऑफ़ ब्लॉग को लाइक, सब्सक्राइब और शेयर करे। लिंक मै निचे दरसा रहा हूं।

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Wednesday, December 7, 2022

दूध रोकने की दवा, दूध सुखाने की दवा, स्टॉप मदर मिल्क, cabergolin 0.5mg,

 दूध रोकने या बंद करने की दवा।


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आज हम सब इस लेख मै यही जानेगे और समझेंगे। अगर किसी माता या बहन का बच्चा दूधपान की उम्र या अवस्था मै मर जाता है  या फिर बच्चा दूधपान करना छोड़ देता है और फिर भी स्तन मै दूध बन रहा हो, तो दोनों ही स्थिति मै डॉक्टर महिला को कैबगोलीन 0.5mg लेने के लिए बोलते है। इसे डॉक्टर की सलाह अनुसार लिया जाना चाहिए. डोज़ और कितनी बार आपको इसकी ज़रूरत है यह इस बात पर निर्भर करते हैं कि आप इसे किस लिए ले रहे हैं। आपका डॉक्टर यह तय करेगा कि आपको अपने लक्षणों में सुधार करने के लिए कितनी आवश्यकता है। आपको जब तक इस दवा को लेने के कहा गया हो , तब तक इस दवा को लें।
कैबगोलीन 0.5mg टेबलेट क्या है।
कैबगोलिन 0.5mg टैबलेट एक डोपामाइन एगोनिस्ट है.. इसका इस्तेमाल प्रोलैक्टिन के उच्च स्तर के इलाज में किया जाता है. यह स्टिलबर्थ (मृतजन्म), एबॉर्शन या गर्भपात के मामलों में स्तन मै दूध बनने से रोकने में भी मददगार है.
कैबगोलीन 0.5mg टेबलेट ब्रांड के कुछ नाम इस प्रकार है।
1) Cabgolin 0.5mg टेबलेट
इसे सन फार्मा कंपनी बनाती है।
2) Cabgon 0.5mg टेबलेट
इसे इंटास फार्मा कंपनी बनाती है।
3) Cabergolin 0.5mg टेबलेट
इसे केयर फॉर्मूलेशन लेबस बनाती है।
4) Lactocab 0.5mg टेबलेट
इसे zydus कंपनी बनाती है
5) Colette 0.5mg टेबलेट
इसे सिप्ला कंपनी बनाती है।
Cabgolin 0.5 का मुख्य उपयोग।
शरीर मै प्रोलक्टिन हार्मोन्स को बनने से रोकने के लिए होता है।
› प्रोलैक्टिन का उच्च स्तर

प्रोलैक्टिन हार्मोन्स कैसे काम करता है।
 पुरुषों और गैर-गर्भवती महिलाओं के रक्त में प्रोलैक्टिन के छोटे निशान होना सामान्य है।  गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में प्रोलैक्टिन का स्तर बढ़ जाता है और बच्चे के जन्म के तुरंत बाद उन्हें स्तन के दूध का उत्पादन करने में सक्षम बनाता है। 
              असामान्य रूप से बढ़ा हुआ प्रोलैक्टिन स्तर, या हाइपरप्रोलैक्टिनीमिया, पिट्यूटरी ग्रंथि ट्यूमर के कारण हो सकता है।  यह हाइपोथायरायडिज्म, गुर्दे की विफलता, यकृत की विफलता, पॉलीसिस्टिक डिम्बग्रंथि सिंड्रोम कुछ दवाओं के उपयोग आदि के कारण भी हो सकता है।
Cabgolin 0.5mg टेबलेट का दुस्परिणाम।
इस दवा को लेने से समानतः कोई खाश दुस्परिणाम देखने को नहीं मिलता है। अगर होता भी है तो नियमित रूप से दवा का सेवन करने से साइट इफेक्ट अपने आप समाप्त हो जाते हैं।  अगर साइड इफ़ेक्ट बने रहते हैं या लक्षण बिगड़ने लगते हैं तो अपने डॉक्टर से सलाह लें
कैबगोलिन के सामान्य साइड इफेक्ट
  • धुंधली नज़र
  • सुस्ती
  • हॉट फ़्लैश

  • अपच

  • मिचली आना
  • कब्ज
  • चक्कर आना
  • थकान
  • सिर दर्द
  • चक्कर आना
  • उल्टी
निचे कुछ लिंक दिया गया है अगर और जानने की जिज्ञासा हो तो लिंक पे क्लिक करके पढ़ और देख सकते है।


Cabgolin0.5 क्या है।
दूध बंद करने की दवा

दूध सुखाने की दवा

सर दर्द की बेहतरीन दवा…


सर दर्द की बेहतरीन दवा,
Naproxen IP 250mg/500mg टेबलेट, यह दवा खासकर सर दर्द क लिए ही बनायीं गयी है और सर दर्द मै यह बहुत ही अच्छा काम करता। मरीज़ को सर दर्द मै जल्दी आराम मिल जाता है।
वैसे नेपरोक्सन (एनाप्रोक्स) जेनेरिक एक नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग (NSAID) है, जो विभिन्न रोग स्थितियों के कारण दर्द, बुखार, सूजन और जकड़न के लिए दिया जाता है।  यह दर्द, बुखार और सूजन पैदा करने वाले हार्मोन को कम कर देता है 

इसके कुछ ब्रांड के नाम है जो इस प्रकार है।
1) Naprosyn 250mg/500mg टेबलेट
इसको RPG Lifescience कंपनी इसको बनाती है।
2) Nexdom 500mg टेबलेट।
इसको sun फार्मा कंपनी बनाती है।
उपयोग:-
1) मीग्रैन
2) किडनी स्टोन के दर्द मै।
3) पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस के दर्द मै।
4) गठिया के इलाज मै।
5) मास्पेसियों के दर्द एवं सूजन मै।
खुराक :- 250mg दिन मै 2 या 3 बार खाना खाने के बाद ले सकते है। डॉक्टर के सलाह अनुसार।
निषेद :- गर्वस्थता के पिछले 3 महीनों मै नहीं लेना है।
दुस्परिणाम :
चकर आना, सीने मै जलन, पेट दर्द, गैस बनना, सांस  लेने मै तकलीफ, इत्यादि।

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