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Friday, December 30, 2022

साइंतिका क्या है, सायटीका क्या है, सायटीका का कारण, सायटीका का लक्षण, सायटीका का उपचार,

मेरे प्यारे पाठकों मैं आप का दोस्त आपका भाई रवि शंकर मेहता आपसब के लिए आज फिर एक नये हेल्थ टिप्स और उसके उपचार, कारण यह सब मे इस लेख मे बताऊंगा। आज का हमारा टॉपिक sciatica है, यह एक ऐसा टॉपिक है जिनसे लगभग हर 10 मे से 7 लोग इस रोग से परेशान है। इसको आमतौर पर बैक पैन भी कहते है। तो आइये शुरू करते है जो हमारा आज का विषय है साइंतिका।

सायटिका है क्या? सबसे पहले ये जानते है।
सायटिका एक प्रकार की नर्वस सिस्टम मतलब तांत्रिका तंत्र की समस्या है जिसमे बैक से लेकर पाँव तक बहुत ज्यादा और तीव्र दर्द होता है और पैर और एड़ी मे कमजोरी और सुन्न और सिहरन रहता है। साइटिका एक सामान्य, लेकिन बहुत ही गंभीर समस्या है। दरअसल, कमर से संबंधित नसों में से अगर किसी एक में भी सूजन आ जाए तो पूरे पैर में असहनीय दर्द होने लगता है, जिसे साइटिका कहा जाता है। 50 साल से अधिक उम्र या मोटे लोगों में यह समस्या आम है।

सायटीका का क्या कारण होता है।
सायटीका का मुख्य कारण नस का दबना होता जिनसे कमर से निचे पाँव तक बहुत ज्यादा तीव्र दर्द रहता कभी कभी तो लगता है की पैर मे कोई जान ही नहीं है बेजान सा हो गया चलना फिरना, उठना बैठा सब मुश्किल हो जाता है। और भी कारण है जो इस प्रकार है।
1. रीढ़ की नाल का पतला होना।
2. स्पिनल कॉर्ड की डिस्क का टूटना।
3. एक वर्टीबरा का दूसरे वर्टीबरा पर दवाब डालना। वर्टीबरा के डिसलोकेशन का होना।
4. कोई इंजूरी।
5. पीठ अथवा कुलहे के मस्पेसियों मे खींचाओ। 6. गठिया
7. नस पर दवाब पड़ने के कारण।
8. एक ही स्थान पर लम्बे समय तक बैठे रहने के कारण।

सायटीका के लक्षण क्या है?
सायटीका के बहुत सारे लक्षण है जैसे :-
 1. कमर दर्द
2. बैठने पर बहुत तीव्र दर्द होना।
3. कूल्हे का दर्द
4. पैरों मे जलन और झुंझुनी महसूस होना।
5. कमजोरी, सुनापन, तथा पैर को इधर उधर करने मे कठिनाईया होती है।
6. पीछे की तरफ एक साइड मे लगातार दर्द रहना।
7. खड़े होने या खड़ा रहने मे समस्या होती है।
8. दर्द कभी बहुत तीव्र तो कभी बहुत कम होता है।
9. दर्द कभी एक पैर मे तो कभी दोनों पैरो मे हो जाता है।
10. कभी कभी यह दर्द कमर से होकर एड़ी तक पहुंच जाता है।
11. कभी कभी यह दर्द कमर से एड़ी तक ऊपर निचे करता रहता है।
12. दर्द अधिक बढ़ जाने के कारण मरीज़ लंगड़ा के चलने लगता है। इत्यादि।

सायटीका मे क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए।
 क. मरीज़ को 2,3 सप्ताह तक बेड रेस्ट करना चाहिए।
ख. ज्यादा वजन नहीं उठाना चाहिए।,
ग. गद्दीदार बिस्तर का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
घ. पैरों पर मालिस भूल के भी नहीं करना चाहिए नहीं तो दर्द और बढ़ जायेगा।
ड़. सायटीका का कारण का पता लगा के ही इलाज करना चाहिए।
च. मरीज़ को गर्म शिकाई करनी चाहिए।
छ. मरीज़ को अगर बुखार हो तो पहले उसका इलाज करना चाहिए।
सायटीका का उपचार।
सायटीका का इलाज स्वयं नहीं करना चाहिए। हमेशा डॉक्टर के परामर्श से ही दवा का सेवन करना चाहिए। ऐसे मरीज़ को कम्पलीट बेड रेस्ट करना चाहिए। और कभी ज्यादा वजन नहीं उठाना चाहिए।
आइये अब हम इसके उपचार के बारे मे जानते है की सायटीका मे कोनसी दवा लेनी चाहिए।
1. Zeredol-P टेबलेट एक गोली सुबह एक गोली शाम।
2. Neurobion Forte टेबलेट एक गोली सुबह एक शाम
3. Wysolon 5mg टेबलेट सुबह शाम एक एक गोली कुछ समय क लिए लिया जा सकता है
4. Move Ointment सुबह शाम दर्द के जगह लगाए।
अगर ऊपर दिए हुए दवा से आराम नहीं मिले तब दर्द कम करने के लिए इंजेक्शन लेना चाहिए जैसे :-
1. Dilona Injection 1ml IM सुबह शाम
                   or
Tramadol Injection 2ml IM सुबह शाम
2. Neurobion Forte Injection 2ml सुबह शाम or
गर्म पानी की थैली से शिकाई करनी चाहिए।

नोट :- यह सब दवा एक कुशल डॉक्टर के देख रेख मे ही लें अपने से कोई भी दवा नहीं लें। क्योंकि आप or आपकी सेहत को एक डॉक्टर से अच्छा कोई नहीं समझ सकता है। इसलिए कोई भी दवा बिना डॉक्टर के परामर्श के स्वयं से ना लें।

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धन्यवाद
आपका मित्र
रवि शंकर मेहता
MBA, EMT,CMS-ed कलकत्ता बंगाल
11 years Pharma एक्सपीरियंस, दिल्ली, बिहार
3 year Hospital एक्सपीरियंस, पटना

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