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Friday, March 17, 2023

टाइफाइड क्या है, टाइफाइड क्या होता है, टाइफाइड क्यों होता है, टाइफाइड कैसे होता है,

नमस्कार मित्रो, मै रवि शंकर मेहता आज फिर आपलोगो के लिए सेहत से जुड़ी एक और जानकारी ले कर आया हूँ। आजकल जो मौसम चल रहा है उसमे ये बीमारी का होना आम बात है, इसलिए आज हम इसी विषय पर बात करेंगे। आज का अपना विषय है टाइफाइड जिसे मियादी बुखार भी कहते है। आज इसके विषय मै हम विस्तार से समझेंगे की यह होता क्या है, क्यों होता है, क्या कारण होते है इसके होने का, साथ ही हम जानेगे इसका उपचार, घलेरु, अल्लोपथिक और आयुर्वेदिक ये सब हम आज के लेख मै समझेंगे और जानेगे, तो आइये बिना बिलम्ब किये आज का अपना विषय शुरू करते है, अगर आपसब को मेरा ये लेख पसंद और ज्ञानवर्धक लगे तो कृपया कर के लाइक कमेंट और शेयर अवश्य करे।
टाइफाइड क्या है, या टाइफाइड क्यों होता है? टाइफाइड को मियादी भूखार के नाम से भी जानते है। टाइफाइड एक संक्रमण वाला भूखार है, जो दूषित खाना और पानी के खाने या पीने से फ़ैलता है। उसमे साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया होता है। जिससे फूड प्वाइजनिंग होती है। दूषित भोजन और पानी से संक्रमण फैलता है। टाइफाइड बुखार आमतौर पर बरसात के मौसम में फैलता है। प्रदूषित पानी इसका प्रमुख कारणों में से एक है जो इस पानी से जन्म लेने वाली बीमारी में योगदान देता है। इससे बच्चों को अधिक खतरा होता है। हालांकि, वयस्कों की तुलना में उनके लक्षण कम गंभीर होते हैं। टाइफाइड भूखार के क्या कारण होते है? टाइफाइड बुखार साल्मोनेला टाइफी नामक खतरनाक बैक्टीरिया के कारण होता है। साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया से संबंधित है जो साल्मोनेलोसिस का कारण बनता है, एक और गंभीर आंतों का संक्रमण, लेकिन वे समान नहीं हैं।
टाइफाइड भूखार के क्या लक्षण होते है? टाइफाइड भूखार के बहुत से लक्षण है जिससे हम जान सकते है या अनुमान लगा सकते है की टाइफाइड भूखार है। टाइफाइड भूखार के लक्षण इस तरह है, जैसे भूख न लगना, लगातार कमजोरी महसूस करना, सिरदर्द और शरीर में दर्द होना आम है। कब्ज, दस्त और उल्टी धीरे-धीरे विकसित होती है। गले मै खरास, शरीर पर चकते चकते होना, संक्रमित व्यक्ति के संपर्क मै रहने से, ये टाइफाइड के कुछ सामान्य लक्षण है। टाइफाइड भूखार का क्या इलाज है? टाइफाइड बुखार के लिए एंटीबायोटिक चिकित्सा ही एकमात्र प्रभावी उपचार है। आमतौर पर निर्धारित एंटीबायोटिक्स दवाओं में शामिल हैं :- 1. सिप्रोफ्लोक्सासिन (सिप्रोबिड 500mg) Ciprofloxacin (Ciprobid) 2. एज़िथ्रोमाइसिन (अज़ीथराल 500mg) Azithromycin (Azithral 500mg) :- इसका उपयोग तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति सिप्रोफ्लोक्सासिन लेने में असमर्थ हो या बैक्टीरिया सिप्रोफ्लोक्सासिन असर नहीं कर रहा हो। 3. सेफ्ट्रिएक्सोन Ceftriaxone :- यह इंजेक्शन योग्य एंटीबायोटिक अधिक जटिल या गंभीर संक्रमणों में उपयोग किया जाता है और उन लोगों के लिए एक विकल्प है जो टेबलेट से नहीं ठीक हो रहा हो तो इंजेक्शन ले सकते है। 4. टाइफाइड के अन्य उपचार। अन्य उपचारों इस प्रकार है : तरल पदार्थ पीना Drinking fluids :- बुखार और दस्त के कारण शरीर मै पानी की कमी को दूर करने के लिए तरल पदार्थ का सेवन करना अत्यधिक लाभकारी होता है कभी कभी फ्लूड्स sline के द्वारा चढ़ाया जाता है। टाइफाइड के बचाऊ के कारण?
सुरक्षित पेयजल, बेहतर स्वच्छता और पर्याप्त चिकित्सा देखभाल टाइफाइड बुखार को रोकने और नियंत्रित करने में मदद कर सकती है। दुर्भाग्य से, कई विकासशील देशों में इसे हासिल करना मुश्किल हो सकता है। इस कारण से कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि टाइफाइड बुखार को नियंत्रित करने के लिए टीका ही सबसे अच्छा तरीका है। इसके अलावा कुछ चीज़ो का ध्यान रखने से भी टाइफाइड भूखार से बचा जा सकता है जैसे :- 1. अपने हाथ धोएं :- गर्म, साबुन के पानी में बार-बार हाथ धोना संक्रमण को नियंत्रित करने का सबसे अच्छा तरीका है। खाना खाने या खाना बनाने से पहले और शौचालय का उपयोग करने के बाद धो लें। पानी उपलब्ध न होने पर कई बार अल्कोहल-आधारित हैंड सैनिटाइज़र साथ रखें। 2. दूषित पानी पीने से बचें :- दूषित पेयजल उन क्षेत्रों में एक विशेष समस्या है जहां टाइफाइड बुखार स्थानिक है। इस कारण से, केवल बोतलबंद पानी या डिब्बाबंद या बोतलबंद कार्बोनेटेड पेय, वाइन और बीयर पिएं। कार्बोनेटेड बोतलबंद पानी गैर-कार्बोनेटेड बोतलबंद पानी की तुलना में अधिक सुरक्षित है। 3. कच्चे फल और सब्जियों से बचें :- क्योंकि कच्चे उत्पाद दूषित पानी में धोए गए होंगे, ऐसे फलों और सब्जियों से बचें जिन्हें आप छील नहीं सकते, खासकर सलाद पत्ता। पूरी तरह से सुरक्षित रहने के लिए, आप कच्चे खाद्य पदार्थों से पूरी तरह बचना चाह सकते हैं। 4. गर्म भोजन चुनें :- हमेशा गर्म भोजन का ही सेवन करे। नोट :- हमारा उदेश्य सिर्फ और सिर्फ जानकारी देना है, सही और उचित सलाह पाने के लिए अपने निजदीकी डॉक्टर से परामर्श ले और उनकी देख रेख मै अपना इलाज करवाए। अगर आपको हमारा ये लेख पसंद आया हो तो आप मेरे ब्लॉग को लाइक कमेंट और शेयर कर सकते है। आप चाहे तो मुझे सोशल मीडिया पे फॉलो भी कर सकते है. लिंक मै निचे मेंशन कर रहा हु।
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