Thursday, July 27, 2023

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मैं आप का दोस्त और होस्ट रवि शंकर मेहता आज फिर एक नए प्रोडक्ट को ले कर आया हूँ, आज जिस प्रोडक्ट के बारे मे मैं बात करूंगा वो है Helious-SP Tablet यह दर्द निवारक (एनालजेसिक) और एंटीपायरेटिक ड्रग है, तो आये बिना देर किये आज का अपना टॉपिक शुरू करते हैं.
हमलोग इस लेख मे यह जानेंगे और समझेंगें की Helious-SP Tablet है क्या ?, Helious-SP Tablet का रासयनिक मिश्रण क्या है और यह किन किन रसायनो के मिश्रण से बना है. इसका क्या उपयोग है ?, किस किस बीमारी मे यह काम करता है. और इसका खुराक की मात्रा कितनी होती है, इसके दुष्परिणाम इत्यादि को समझेंगे. तो चलिए अब शुरू करते है step by step जानते है. Helious-SP Tablet क्या है? और इसका कम्पोजीशन क्या है ? Helious-SP Tablet दर्द निवारक (एनालजेसिक) और बुखार कम करने वाला (एंटीपायरेटिक) ड्रग है, इसका कम्पोजीशन इस प्रकार है. Aceclofenac 100mg + Paracetamol 325mg + Serratiopeptidase 15mg, HElious-SP Tablet दर्द और सूजन को कम करने के लिए ट्रिपल एक्शन काम करता है जिससे दर्द मे तुरंत आराम मिल जाता है . Helious-SP Tablet के तीनो कम्पोजीशन को अलग अलग से पहले समझते है और इनका उपयोग क्या है वो जानते है. Aceclofenac :- 1. डिक्लोफेनाक की तुलना में अधिक प्रतिशत रोगियों को ऑस्टियोआर्थराइटिस में दर्द से राहत महसूस होती है (% अनुपात 79%: 59%) 2. इंडोमिथैसिन और डिक्लोफेनाक की तुलना में बेहतर प्रभावकारिता प्रोफ़ाइल के साथ बेहतर होता है . Paracetamol:- 1. यह समय से अधिक विश्वसनीय और सुरक्षित एंटी-पायरेटिक और एनाल्जेसिक है। 2. अन्य NASID संयोजनों के विपरीत अच्छी गैस्ट्रिक सहनशीलता प्रोफ़ाइल प्रदान करता है। Serratiopeptidase:- 1. शक्तिशाली सूजन रोधी एजेंट 2. यह ऊतक की मरम्मत और उपचार प्रक्रिया को तेज करता है।
Helious-SP Tablet का उपयोग क्या है? Helious-SP Tablet को दर्द निवारक दवा के रूप में प्रयोग किया जाता है। यह मुख्य रूप से तीव्र दर्द का इलाज करने के लिए उपयोग किया जाता है। तीव्र दर्द की स्थितियों में पीठ दर्द, सिरदर्द, गठिया और दांत दर्द आदि शामिल हैं। सक्रिय संघटक एनाल्जेसिक की श्रेणी में आता है, NSIAD की श्रेणी से संबंधित है। यह दवा बुखार के कारण शरीर में होने वाले दर्द को भी कम करती है।
उपयोग : 1. ऑस्टियो आर्थराइटिस 2. रूमेटोइड 3. एंकिलॉज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस 4. पीठ के निचले हिस्से में दर्द 5. दांत का दर्द 6. स्त्री रोग संबंधी दर्द 7. कमर दर्द 8. जोड़ों में दर्द 9. मांसपेशियों में दर्द 10. बुखार/ दर्द 11. गठिया संबंधी दर्द
Helious-SP Tablet दवाओं के एक वर्ग से संबंधित है। इस वर्ग का नाम है गैर-स्टेरॉयड सूजन रोधी दवाएं। गैर-स्टेरॉयड सूजन रोधी दवाएं (NSAID), बुखार को कम करने, दर्द कम करने, और रक्त के थक्के को रोकने में मदद करती हैं। यह दवाएं अधिक खुराक में उपयोग किये जाने पर शरीर में सूजन को भी कम करती हैं। Helious-SP Tablet का इस्तेमाल कैसे करे? Helious-SP दवा का उपयोग करने से पहले अपने चिकित्सक द्वारा दिए गए उत्पाद लेबल, सूचना मार्गदर्शिका और निर्देशों का पालन करें। इस दवा को अपने डॉक्टर द्वारा बताए गए तरीके के अनुसार उपयोग करें। Helious-SP Tablet का उपयोग खाने के साथ या बिना करें। दवा को ना चबाएं, ना तोड़ें और ना ही पानी में मिलाएं। Helious-SP tablet का खुराक या डोज़ क्या और कितनी होनी चाहिए ? Helious-SP Tablet की उचित खुराक मरीज की उम्र, लिंग और उसके स्वास्थ्य संबंधी पिछली समस्याओं पर निर्भर करती है। यह दवा कितनी मात्रा में दी जानी चाहिए यह इस आधार पर भी निर्भर करता है कि मरीज की मूल समस्या क्या है और दवा को किस रूप में दिया जा रहा है। Helious-SP Tablet के दुष्परिणाम ? Helious-SP Tablet के साथ आमतौर पर कुछ साइड इफेक्ट देखे जाते हैं, जैसे मतली या उलटी, दस्त, चक्कर आना। सामान्य तौर पर Helious-SP Tablet के साइड इफेक्ट लंबे समय तक बने नहीं रहते हैं और एक बार जब इलाज खत्म हो जाता है तो ये भी ठीक हो जाते हैं। हालांकि अगर ये समस्याएं लंबे समय तक बनी रहती हैं तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। गर्भवती महिलाओं पर Aceclofenac + Paracetamol + Serratiopeptidase का प्रभाव गंभीर होता है और स्तनपान कराने वाली महिलाओं पर इस दवा का प्रभाव गंभीर है। अगर आपको पहले से गुर्दे की बीमारी, दमा, दिल का दौरा जैसी कोई समस्या है, तो Aceclofenac + Paracetamol + Serratiopeptidase देने की सलाह नहीं दी जाती क्योंकि इसके दुष्प्रभाव पड़ सकते हैं।
धन्यवाद , नोट: अगर मेरा ये पोस्ट अच्छा और ज्ञानवर्धक और उपयोगी लगा हो तो इससे अपने दोस्त, रिस्तेदार, और पड़ोसियों को शेयर करे और लाइक करे और कोई सुझाव अगर देना चाहे मुझे तो आप कमेंट बॉक्स मे आप मुझे कमेंट क्र सकते हैं. आपका मित्र, रवि शंकर मेहता जनरल मेडिसिन प्रैक्टिसनर ४ साल हॉस्पिटल एक्सपेरिएंस ८ साल का फार्मा एक्सपेरिएंस आप मुझे सोशल मीडिया पर भी फॉलो क्र सकते है. facebook: https://www.facebook.com/ravishankar.mehta.77/ https://www.facebook.com/heliouspharma/ youtube: https://www.youtube.com/channel/UCdjz3yGmAuHZ12_kQjFfCVQ instagram: https://www.instagram.com/heliouspharma/

Wednesday, July 26, 2023

Helious oil, Ayurvedic Pain oil, Herbal Pain oil, joint pain oil, joint & muscular pain oil, best pain oil,

मैं आप का दोस्त और होस्ट रविशंकर मेहता आज फिर एक नए टॉपिक के साथ आपसे रूबरू हो रहा हूं। आज का हमारा विषय दर्द निवारण तेल (Helious Oil) है, जो किसी भी तरह के दर्द का रामबाण इलाज है। आज हम इस लेख के माध्यम से ये जानेंगे कि जो दर्द का तेल (Helious Pain Oil) है वो क्या है, और दर्द में कैसे आराम मिलता है। और किस तरह से दर्द है हम इसका इस्तमाल कर सकते हैं।
Helious Oil किस चीज से बना है, और इसका क्या उपयोग है, इसके दुष्परिणाम, इत्यादि के बारे में विस्तार से जानेंगे और समझेंगे। और इसे kon कंपनी बनाती है और हमें ये कैसे मिल सकता है, ऑनलाइन, ऑफलाइन मार्केट दोनों को जानेंगे। तो आइए बिना देर किए अब अपने टॉपिक पर आते हैं। HELIOUS OIL कंटेनर: कर्पूर (दालचीनी कपूर) 8.0% w / v (क्रिस्टल्स) + Ajowan (कैरम कोप्टिकम) 0.9% w / v + पुदीना (मेंथा आरवेंसिस) 5.4% / v + गंधापुरा (गुलेरिया सुगंधित) 0.72% w / v + साराल (पिनस रॉक्सबर्गी) 6.3% + नीलगिरि (नीलगिरी ग्लोब्यूल्स) 12.05% w / v + चहा (Cymbopogon साइट्रेट) 4.5% w / v + Dalchini (Cinnamomod zeylenicum) 0.9% w / v + पुदिना (मेंथा पिपरिटा) 1.35% w / w + गंजनी (रोज़ डेमेसिन) 0.9% w / v प्रक्रियाओं में अदरक का तेल (CO2 निष्कर्षण संरचना) अरंडी का तेल और तेल Tel qs HELIOUS OIL प्राकृतिक तेल प्राकृतिक जड़ी बूटियों का एक अनूठा संयोजन है। इसका उपयोग सभी प्रकार के दर्द का इलाज करने के लिए किया जा सकता है। यह शरीर के जोड़ों में उपास्थि की संरचना और कार्य को बनाए रखने में मदद करता है। पतले तेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक गुण होते हैं, जो जोड़ों में दर्द और सूजन से राहत पाने में मदद करता है।
Helious Oil is indicated: संधिशोथ • क्षतिग्रस्त कार्टिलेज में सुधार • पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस • कंकाल की मांसपेशियों का दर्द • मोटापा और सूजन जोड़ों • मरम्मत संयोजी ऊतक और संयुक्त उपास्थि • • कंधे का दर्द, पीठ का दर्द, कलाई का दर्द, सरवाइकल का दर्द, घुटने का दर्द, जोड़ों का दर्द।
Symptoms:लक्षण: सुबह या लंबे आराम के बाद 30 मिनट से अधिक समय तक चलना। • आंदोलन के दौरान या बाद में एक जोड़ में दर्द • जब संयुक्त का उपयोग किया जाता है तो हड्डी पर हड्डी के रगड़ने की आवाज या हड्डी (जिसे क्रेपिटस कहा जाता है) की आवाज होती है • थकान, कभी-कभी बुखार, और असुविधा की एक सामान्य भावना।
Helious oil One solution for all problems सभी समस्याओं के लिए उपयोगी तेल पतले तेल मरम्मत, चिकनाई, घुटने और अन्य जोड़ों के उपास्थि को मजबूत करके काम करता है। यह जोड़ों को फिर से चिकना करता है और घुटने के जोड़ों को फिर से व्यवस्थित करने में मदद करता है।
Role of Ingredients: सामग्री की भूमिका: अदरक का तेल: • अदरक और शोगल शामिल हैं जो शक्तिशाली फाइटोन्यूट्रिएंट हैं जो सूजन से लड़ते हैं, दर्द से राहत देते हैं और गठिया के कारण उपास्थि के विनाश को रोकते हैं। कर्पूर (दालचीनी कपूर): • जोड़ों के दर्द को कम करने और रक्त परिसंचरण में सुधार करने में मदद करता है। • मांसपेशियों में दर्द और दर्द के साथ-साथ गठिया को ठीक करने में मदद करता है। अजोवन (कारम कोप्टिकम): • गठिया के कारण दर्द से छुटकारा पाने के लिए एक उत्कृष्ट प्राकृतिक सहायता के रूप में कार्य करता है और मांसपेशियों को आराम करने में मदद करता है। पुदीना (मेंथा अर्वेन्सिस): • दर्द, सूजन के इलाज में मदद करता है और शरीर से अत्यधिक तरल पदार्थ और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है। गंधपुरा (गुलेरिया सुगंधितिमा): • गठिया, गाउट के इलाज में मदद करता है और स्वस्थ सूजन प्रतिक्रिया का समर्थन करता है। सरला (पिनस रोक्सबर्गी): • विरोधी भड़काऊ गुण दिखाता है जो इसे जोड़ों के दर्द और दर्द के लिए सटीक उपाय बनाता है। नीलगिरि (नीलगिरी ग्लोब्यूल्स): • एक वार्मिंग, आराम संवेदना बनाने में मदद करता है जो दर्द को दूर करने में मदद करता है। चहा (सिंबोपोगोन सिट्रेट्स): • मांसपेशियों और जोड़ों की कठोरता को दूर करने में मदद करता है। पुदीना (मेंथा पिपरिट): • मांसपेशियों को शांत करने में मदद करता है और मांसपेशियों की ऐंठन को कम करता है और दर्द की सूजन के इलाज में सहायता करता है। गंजनी (रोज़ डामस्किन): • रक्त परिसंचरण और ग्रंथियों और मांसपेशियों के कार्य में सुधार करता है। परहेज के लिए खाद्य पदार्थ: • उच्च प्रोटीन आहार जैसे सभी मांस, तली हुई मछली और अंडे। • अम्लीय भोजन, डिब्बाबंद भोजन, दुग्ध उत्पाद
एहतियात: • दैनिक आधार पर योग का अभ्यास करें। शांत वातावरण के संपर्क से बचें। • घुटने के कैप पहनें या हमेशा जोड़ों को ढक कर रखें। • हमेशा सही मुद्रा में बैठें और सपाट सतह पर सोएं।
Helious Oil की उपलव्धता कैसे होगी। आप सब को ऑनलाइन और ऑफलाइन डोनो ट्रैह से मिल जाएगा आप दिए गए नंबर पर (8130777391, 9971288621, 9142050236) व्हाट्सएप या कॉल करें सीधे अपने घर पर तेल मंगवा सकते हैं। और जिनको अपना मेडिकल स्टोर या क्लीनिकल प्रैक्टिस के लिए चाहिए वो भी ऊपर दिए गए नंबर पर व्हाट्सएप कर सकते हैं। या डायरेक्ट कंपनी को ईमेल भी कर सकते हैं। ईमेल:- heliouspharma@gmail.com आप का मित्र रविशंकर मेहता जनरल मेडिसिन प्रैक्टिशनर पिछले 4 साल से 3 वर्ष का अस्पताल अनुभव 10 साल का फार्मा अनुभव आप मुझे सोशल मीडिया पर फॉलो कर सकते हैं। और कोई सुझाउ हो तो वो भी मुझे आप दे सकते हैं। धन्यवाद सोशल मीडिया लिंक : प्लीज शेयर लिखे और कमेंट करे और अपने दोस्तों और अपने रिश्तेदारों और जरुरतमंदो को फोरवाद कर। https://www.facebook.com/ravishankar.mehta.77/about https://www.facebook.com/heliouspharma/ https://www.instagram.com/heliouspharma/ https://www.youtube.com/channel/UCdjz3yGmAuHZ12_kQjFfCVQ

Friday, March 17, 2023

टाइफाइड क्या है, टाइफाइड क्या होता है, टाइफाइड क्यों होता है, टाइफाइड कैसे होता है,

नमस्कार मित्रो, मै रवि शंकर मेहता आज फिर आपलोगो के लिए सेहत से जुड़ी एक और जानकारी ले कर आया हूँ। आजकल जो मौसम चल रहा है उसमे ये बीमारी का होना आम बात है, इसलिए आज हम इसी विषय पर बात करेंगे। आज का अपना विषय है टाइफाइड जिसे मियादी बुखार भी कहते है। आज इसके विषय मै हम विस्तार से समझेंगे की यह होता क्या है, क्यों होता है, क्या कारण होते है इसके होने का, साथ ही हम जानेगे इसका उपचार, घलेरु, अल्लोपथिक और आयुर्वेदिक ये सब हम आज के लेख मै समझेंगे और जानेगे, तो आइये बिना बिलम्ब किये आज का अपना विषय शुरू करते है, अगर आपसब को मेरा ये लेख पसंद और ज्ञानवर्धक लगे तो कृपया कर के लाइक कमेंट और शेयर अवश्य करे।
टाइफाइड क्या है, या टाइफाइड क्यों होता है? टाइफाइड को मियादी भूखार के नाम से भी जानते है। टाइफाइड एक संक्रमण वाला भूखार है, जो दूषित खाना और पानी के खाने या पीने से फ़ैलता है। उसमे साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया होता है। जिससे फूड प्वाइजनिंग होती है। दूषित भोजन और पानी से संक्रमण फैलता है। टाइफाइड बुखार आमतौर पर बरसात के मौसम में फैलता है। प्रदूषित पानी इसका प्रमुख कारणों में से एक है जो इस पानी से जन्म लेने वाली बीमारी में योगदान देता है। इससे बच्चों को अधिक खतरा होता है। हालांकि, वयस्कों की तुलना में उनके लक्षण कम गंभीर होते हैं। टाइफाइड भूखार के क्या कारण होते है? टाइफाइड बुखार साल्मोनेला टाइफी नामक खतरनाक बैक्टीरिया के कारण होता है। साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया से संबंधित है जो साल्मोनेलोसिस का कारण बनता है, एक और गंभीर आंतों का संक्रमण, लेकिन वे समान नहीं हैं।
टाइफाइड भूखार के क्या लक्षण होते है? टाइफाइड भूखार के बहुत से लक्षण है जिससे हम जान सकते है या अनुमान लगा सकते है की टाइफाइड भूखार है। टाइफाइड भूखार के लक्षण इस तरह है, जैसे भूख न लगना, लगातार कमजोरी महसूस करना, सिरदर्द और शरीर में दर्द होना आम है। कब्ज, दस्त और उल्टी धीरे-धीरे विकसित होती है। गले मै खरास, शरीर पर चकते चकते होना, संक्रमित व्यक्ति के संपर्क मै रहने से, ये टाइफाइड के कुछ सामान्य लक्षण है। टाइफाइड भूखार का क्या इलाज है? टाइफाइड बुखार के लिए एंटीबायोटिक चिकित्सा ही एकमात्र प्रभावी उपचार है। आमतौर पर निर्धारित एंटीबायोटिक्स दवाओं में शामिल हैं :- 1. सिप्रोफ्लोक्सासिन (सिप्रोबिड 500mg) Ciprofloxacin (Ciprobid) 2. एज़िथ्रोमाइसिन (अज़ीथराल 500mg) Azithromycin (Azithral 500mg) :- इसका उपयोग तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति सिप्रोफ्लोक्सासिन लेने में असमर्थ हो या बैक्टीरिया सिप्रोफ्लोक्सासिन असर नहीं कर रहा हो। 3. सेफ्ट्रिएक्सोन Ceftriaxone :- यह इंजेक्शन योग्य एंटीबायोटिक अधिक जटिल या गंभीर संक्रमणों में उपयोग किया जाता है और उन लोगों के लिए एक विकल्प है जो टेबलेट से नहीं ठीक हो रहा हो तो इंजेक्शन ले सकते है। 4. टाइफाइड के अन्य उपचार। अन्य उपचारों इस प्रकार है : तरल पदार्थ पीना Drinking fluids :- बुखार और दस्त के कारण शरीर मै पानी की कमी को दूर करने के लिए तरल पदार्थ का सेवन करना अत्यधिक लाभकारी होता है कभी कभी फ्लूड्स sline के द्वारा चढ़ाया जाता है। टाइफाइड के बचाऊ के कारण?
सुरक्षित पेयजल, बेहतर स्वच्छता और पर्याप्त चिकित्सा देखभाल टाइफाइड बुखार को रोकने और नियंत्रित करने में मदद कर सकती है। दुर्भाग्य से, कई विकासशील देशों में इसे हासिल करना मुश्किल हो सकता है। इस कारण से कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि टाइफाइड बुखार को नियंत्रित करने के लिए टीका ही सबसे अच्छा तरीका है। इसके अलावा कुछ चीज़ो का ध्यान रखने से भी टाइफाइड भूखार से बचा जा सकता है जैसे :- 1. अपने हाथ धोएं :- गर्म, साबुन के पानी में बार-बार हाथ धोना संक्रमण को नियंत्रित करने का सबसे अच्छा तरीका है। खाना खाने या खाना बनाने से पहले और शौचालय का उपयोग करने के बाद धो लें। पानी उपलब्ध न होने पर कई बार अल्कोहल-आधारित हैंड सैनिटाइज़र साथ रखें। 2. दूषित पानी पीने से बचें :- दूषित पेयजल उन क्षेत्रों में एक विशेष समस्या है जहां टाइफाइड बुखार स्थानिक है। इस कारण से, केवल बोतलबंद पानी या डिब्बाबंद या बोतलबंद कार्बोनेटेड पेय, वाइन और बीयर पिएं। कार्बोनेटेड बोतलबंद पानी गैर-कार्बोनेटेड बोतलबंद पानी की तुलना में अधिक सुरक्षित है। 3. कच्चे फल और सब्जियों से बचें :- क्योंकि कच्चे उत्पाद दूषित पानी में धोए गए होंगे, ऐसे फलों और सब्जियों से बचें जिन्हें आप छील नहीं सकते, खासकर सलाद पत्ता। पूरी तरह से सुरक्षित रहने के लिए, आप कच्चे खाद्य पदार्थों से पूरी तरह बचना चाह सकते हैं। 4. गर्म भोजन चुनें :- हमेशा गर्म भोजन का ही सेवन करे। नोट :- हमारा उदेश्य सिर्फ और सिर्फ जानकारी देना है, सही और उचित सलाह पाने के लिए अपने निजदीकी डॉक्टर से परामर्श ले और उनकी देख रेख मै अपना इलाज करवाए। अगर आपको हमारा ये लेख पसंद आया हो तो आप मेरे ब्लॉग को लाइक कमेंट और शेयर कर सकते है। आप चाहे तो मुझे सोशल मीडिया पे फॉलो भी कर सकते है. लिंक मै निचे मेंशन कर रहा हु।
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Sunday, February 26, 2023

कब्ज क्या है, कब्ज क्यों होता है, कब्ज के क्या कारण होते है, कब्ज का इलाज क्या है,

मैं रवि शंकर मेहता आप सब का अपना भाई, मित्र, दोस्त। आज फिर एक नई बीमारी और उसके कारण और इलाज के बारे मे विस्तार से समझेंगे और जानेंगे। हमारा आज का विषय है constipation यानि कब्ज। आज हमसब कब्ज के बारे मे विस्तार से जानेंगे की कब्ज होता क्या है, कब्ज क्यों होता है, और इसके क्या कारण होते हैं, कब्ज की इलाज घरेलु, अल्लोपैथिक और आयुर्वेदिक तीनो तरीको को समझेंगे। तो अब बिना देर किये शुरु करते है आज का अपना विषय।

कब्ज क्या है और क्यों होता है?
constipation यानि कब्ज,मल का आंत मै सुख के सख्त होना और मल त्यागने मै कठिनाई होना, अच्छे से मल का त्याग नहीं होना हमेशा सुस्त और फ्रेश फील नहीं होना।कब्ज कोई बीमारी नहीं है यह दूसरे बीमारी के वजह से होता है इसके अलावा दूसरे वजह से भी कब्ज होता है जैसे शरीर मै पानी की कमी या पानी का बहुत कम पीना, भोजन मै फाइबर की कमी, या शारीरिक गतिविधि ना करने या अल्कोहल, ड्रग्स का अत्यधिक सेवन करने के वजह से होता है। आमतौर पर एक सप्ताह मै तीन से कम बार मल त्याग करने को कब्ज होना कहा जाता है। कब्ज एक सामान्य समस्या है जो सभी उम्र के लोगो को प्रभावित कर सकता है। नियमित रूप से मल पास नहीं कर पाना या पूरी तरह से पेट का साफ नहीं होना ही कब्ज कहलाता है।
कब्ज का लक्षण क्या है?
कब्ज मै मल सख्त हो जाता है जिसकी वजह से मल त्याग करने मै अधिक जोर लगाना पड़ता है, कब्ज के मरीज़ रोज़ मल त्याग नहीं करते है जिसके वजह से परेशानी बढ़ जाती है और मल त्याग करने मै काफ़ी कठिनायों का सामना करना पड़ता है। कब्ज के मरीज की जीभ सफ़ेद या मटमेला हो जाता है और मुँह का स्वाद भी ख़राब हो जाता है और मुँह से दुर्गन्ध भी आने लगता है। कब्ज के मरीज़ को भूख भी नहीं लगती है और साथ मै मतली और उलटी की सम्भावना बनी रहती है और पेट मै बहुत ज्यादा गैस बना रहता है, शौचालय से आने के बाद भी अधूरे मल त्याग की भावना बना रहना, पेट मै सूजन या पेट दर्द आदि भी कब्ज के लक्षणों मै आते है।
कब्ज के क्या कारण होते है?
large intestine का मुख्य काम खाने से पानी को अवसोसित करना होता है इसके बाद खाना मल मै कन्वर्ट हो जाता है पजीर large intestine की मस्सपेशीयां मल को मलाशय के रास्ते बाहर निकालदेता है अगर मल large intestine मै बहुत लम्बे समय तक रहता है तो वो सख्त हो जाता है और फिर उससे बाहर निकालने मै बहुत कठिन हो जाता है ख़राब भोजन हमेशा कब्ज का कारण बनता है जैसे :- कम फाइबर वाला भोजन खासकर मसाहरी भोजन, दूध से बना सामान, फास्टिंग व्रत, व्यायाम की कमी,शराब का अत्यधिक सेवन, ड्रग एडिकेशन, प्रेग्नेंसी, हार्मोनल प्रॉब्लम इत्यादि।
 कब्ज का घरेलु उपाए क्या है?
सुबह उठने के बाद गर्म पानी पिए और कुछ देर टहले आप को कब्ज मै बहुत आराम मिलेगा। अजवाइन और जीरे को हल्के आंच पर भूनकर उससे चूर्ण तैयार करें। अब इस चूर्ण में काला नमक पीस कर मिला लें। इस चूर्ण को हर दिन करीब आधा चम्मच हल्के गर्म पानी के साथ लें। आसानी से पचने वाला भोजन करें,कब्ज की समस्या को दूर करने के लिए आपको खानपान में बदलाव की सबसे अधिक जरूरत होती है। कब्ज से बचना चाहते हैं तो ऐसा भोजन करें जो आसानी से और बढ़िया तरीके से पच जाए। इसके साथ ही आपको हर दिन पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करना है। अधिक समय तक भूखा रहने से भी कब्ज की परेशानी हो सकती है, बीच-बीच में कुछ खाते रहे, ज्यादा समय कर उपवास न करें। सुबह की फ्रेश हवा में बैठ कर प्राणायाम करें तो आपकी पेट संबंधी परेशानियां खत्म हो जाएगी। कपालभाति, अनुलोम विलोग जैसे प्राणायाम जरूर करें। रात को सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में कुछ बूंदे घी की मिला लें और इसका सेवन करें. ऐसा नियमित करने से पेट साफ होने लगता है और कब्ज की परेशानी खत्म हो जाती है.
कब्ज की आयुर्वेदिक इलाज़ क्या है?
कब्ज की आयुर्वेदिक इलाज इस प्रकार है. टेबलेट Consti-Gone  रात को सोते वक़्त गर्म पानी के साथ ले सुबह आप फ्रेश फील करेंगे।
पेट साफा चूरन का उपयोग करे या
softovac पाउडर, इसबगोल की भूसी भी सुबह सुबह लेने से पेट साफ हो जाता है।
कब्ज की अल्लोपैथिक इलाज़।
टेबलेट दुलकोफ्लेक्स रात मै सोने वक़्त 2 गोल्ली रोज़ ले।
 सिरप मिल्क ऑफ़ मागनेसिया, लूज़, cremafen ले और अगर ज्यादा दर्द होता हो मल त्यागने वक़्त तो lignocaine जेली को गुढ़ा द्वार पर मल त्यागने के 10 मिनट पहले लगाले। अगर मल त्यागने वक़्त ब्लीडिंग होता हो तो फिर क्लॉथ टेबलेट सुबह शाम ले।
ऊपर दिए दवा से भी मल त्यागने मै कठिनाय हो तो एनेमा 30ml व्यस्क मरीज को दिया जाता है वो भी गुढ़ा मार्ग से।
नोट :- ह्यपोथाइरोदीस्म के मरीज मै कब्ज रहता है इसलिए ऐसे मरीज को अपना थाइरोइड लेवल और TSH का लेवल नार्मल रखना चाहिए।

 आपको मेरा यह लेख कैसा लगा आप मुझे कमेंट कर के बता सकते है। और ऐसे ही सेहत से जुडी जानकारी पाने के लिए मेरे ब्लॉग को लाइक और शेयर करते रहिये।
आपका अपना मित्र
रवि शंकर मेहता
MBA from एमिटी यूनिवर्सिटी नॉएडा
11 year फार्मा कंपनी एक्सपीरियंस
4 year क्लिनिक प्रैक्टिक्स और हॉस्पिटल।

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Sunday, February 19, 2023

लकवा क्या है, लकवा क्यों होता है, लकवा का इलाज,

मैं रवि शंकर मेहता आप सबका चित परिचित मित्र, आज फिर एक नई विषय के साथ आया हूं, आप सबको इस लेख के माध्यम से  मैं आपको बताऊंगा  लकवा क्या है, लकवा का इलाज, लकवा के कारण इत्यादि।
लकवे को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल होते हैं कि आखिर लकवे का कैसे पता किया जा सकता है और इसका क्या असर होता है? ऐसे में जानते हैं इससे जुड़े हर एक सवाल का जवाब...
समझिए आखिर लकवा होता क्यों है? क्या इसका पहले से पता लगाया जा सकता है अगर लकवा हाथ, पांव में होता है तो आप चलने और लिखने में दिक्कत होगी. आपने अपने आस-पास में सुना होगा कि किसी को लकवा मार गया है. हो सकता है आपके परिवार में भी किसी के साथ हुआ हो. लकवा एक ऐसी बीमारी है, जिसके बारे में पहले से कुछ पता नहीं चलता है और एक दम से दिक्कत हो जाती है. ऐसे में लोगों के मन में लकवे को लेकर कई तरह के सवाल रहते हैं कि आखिर इसके लक्षण क्या हैं, यह क्यों होता है और इसका पहले से पता लगाया जा सकता है या नहीं. ऐसे में जानते हैं लकवे से जुड़ी खास बातें, जो ना सिर्फ आपको जागरूक करती है, बल्कि आप इनके बारे में जानकर किसी बड़ी दिक्कत को टाल सकते हैं. तो जानते हैं इससे जुड़ी हर एक बात…
 लकवा क्या है और यह क्यों होता है ? अचानक ब्रेन के किसी एरिया में डैमेज हो यानी खून सप्लाई को लेकर जो डैमेज होता है, उसकी वजह से लकवा आता है. इससे होता क्या है कि शरीर के एक तरफ के हिस्से जैसे एक हाथ या एक पांव में काफी ज्यादा कमजोरी आ जाती है. किस वजह से आता है लकवा।
लकवा के कारण?
लकवा के आम तौर पर दो कारण माने जाते हैं. इसमें एक कारण तो ब्रेन हैम्ब्रेज है यानी ब्रेन में जाने वाली ब्लड की पाइप फट जाना. दूसरा कारण है इस ब्लड पाइप में कोई ना कोई ब्लॉक हो जाना. माना जाता है कि ज्यादातर केस पाइप ब्लॉक होने वाले ही होते हैं और अधिकतर लोगों के इस वजह से लकवा आता है. कई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि 85 फीसदी लकवा के केस पाइप ब्लॉक होने के वजह से होते हैं, जबकि 15 फीसदी मामले अन्य कारणों से होते हैं. अगर रिस्क फैक्टर की बात करे तो डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, लिपिड प्रोफाइल बढ़ी हो तो इसका खतरा बढ़ सकता है. इसके अलावा जिन लोगों को हार्ट संबधी दिक्कत होती है और ब्लड का थक्का जमने की दिक्कत रहती है तो कई बार थक्का धीरे-धीरे दिमाग तक पहुंच जाता है वहां जम जाता है, जो लकवे का कारण बनता है. ऐसे में इन बीमारियों को लकवे का रिस्क फैक्टर माना जाता है.
लकवा का कोई संकेत होता है या नहीं?
अक्सर लोगों के सवाल होते हैं कि क्या ऐसे कोई संकेत होते हैं, जिनसे ये पता लगाया जा सके कि किसी को आगे लकवे की शिकायत हो सकती है. ताकि व्यक्ति पहले से सतर्क रहे और आगे की दिक्कत के लिए सतर्क रहें. इस पर एक्सपर्ट का कहना है कि बहुत कम केस में इसका पहले से पता किया जा सकता है, क्योंकि यह कुछ ही मिनटों में हो जाता है और संभलने के लिए पहले से वक्त नहीं मिलता है. मगर जिन केसों में पहले पता चलता है, उन लक्षणों की बात करें तो इसमें पहले एक छोटा सा लकवा आता है. यह होता लकवे की तरह ही है, लेकिन यह कुछ ही मिनटों में ठीक हो जाता है. जैसे कुछ देर बोलने में दिक्कत होती है और कुछ देर के लिए शरीर के एक तरफ के हिस्से में कमजोरी होने लगती है. इस केस को डॉक्टर्स टीआईए के नाम से जानते हैं. ऐसे में इस लकवा का संकेत माना जा सकता है.
 लकवा के लक्षण?
अगर लकवे के लक्षण की बात करें तो अगर लकवा हाथ, पांव में होता है तो आप चलने और लिखने में दिक्कत होगी और कमजोरी आ जाएगी. वहीं, जिन लोगों को चेहरे में लकवा आता है, उन लोगों को बोलने और खाना खाने में दिक्कत होगी. इसके अलावा कमजोरी होने से काफी दिक्कतें और भी शुरू हो जाती हैं, जिसमें बेड सोर्स आदि कई तरह की दिक्कतें शमिल हैं. लकवा का इलाज डॉक्टर के देखरेख में कराना चाहिए।
लकवा में जो दवाइयां दी जाती है वह इस प्रकार है, कोई भी दवाई लेने से पहले डॉक्टर से अवश्य परामर्श ले।
इंजेक्शन डेक्सोना 1ml आईएम स्टेट
इंजेक्शन traxol-से 1.5gm सुबह शाम IV stat
इंजेक्शन CB Max /CB12 OD/BD मरीज़ के अनुसार IM stat OD
इंजेक्शन Mecalvit OD IM stat
इंजेक्शन Recalvin OD IM stat
इंजेक्शन कंप्लेंमीना 1ampule alternet day 15 डेज
टेबलेट कंप्लेंमीना 300mg BD one मंथ टेबलेट Trental 400mg BD 1मंथ
टेबलेट Deflozacort 6mg 15days TID after 15days BD to 2month
टेबलेट मल्टीविटामिन OD 1month
tablet कैल्शियम 500mg 1month
हेलियस आयल से मसाज करे 1month एक्सरसाइज जितना हो उतना करे,
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 आपका मित्र।
रवि शंकर मेहता
MBA, Amity university
12 year pharma experiance
4year hospital न clinic प्रैक्टिस

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