Sunday, February 26, 2023

कब्ज क्या है, कब्ज क्यों होता है, कब्ज के क्या कारण होते है, कब्ज का इलाज क्या है,

मैं रवि शंकर मेहता आप सब का अपना भाई, मित्र, दोस्त। आज फिर एक नई बीमारी और उसके कारण और इलाज के बारे मे विस्तार से समझेंगे और जानेंगे। हमारा आज का विषय है constipation यानि कब्ज। आज हमसब कब्ज के बारे मे विस्तार से जानेंगे की कब्ज होता क्या है, कब्ज क्यों होता है, और इसके क्या कारण होते हैं, कब्ज की इलाज घरेलु, अल्लोपैथिक और आयुर्वेदिक तीनो तरीको को समझेंगे। तो अब बिना देर किये शुरु करते है आज का अपना विषय।

कब्ज क्या है और क्यों होता है?
constipation यानि कब्ज,मल का आंत मै सुख के सख्त होना और मल त्यागने मै कठिनाई होना, अच्छे से मल का त्याग नहीं होना हमेशा सुस्त और फ्रेश फील नहीं होना।कब्ज कोई बीमारी नहीं है यह दूसरे बीमारी के वजह से होता है इसके अलावा दूसरे वजह से भी कब्ज होता है जैसे शरीर मै पानी की कमी या पानी का बहुत कम पीना, भोजन मै फाइबर की कमी, या शारीरिक गतिविधि ना करने या अल्कोहल, ड्रग्स का अत्यधिक सेवन करने के वजह से होता है। आमतौर पर एक सप्ताह मै तीन से कम बार मल त्याग करने को कब्ज होना कहा जाता है। कब्ज एक सामान्य समस्या है जो सभी उम्र के लोगो को प्रभावित कर सकता है। नियमित रूप से मल पास नहीं कर पाना या पूरी तरह से पेट का साफ नहीं होना ही कब्ज कहलाता है।
कब्ज का लक्षण क्या है?
कब्ज मै मल सख्त हो जाता है जिसकी वजह से मल त्याग करने मै अधिक जोर लगाना पड़ता है, कब्ज के मरीज़ रोज़ मल त्याग नहीं करते है जिसके वजह से परेशानी बढ़ जाती है और मल त्याग करने मै काफ़ी कठिनायों का सामना करना पड़ता है। कब्ज के मरीज की जीभ सफ़ेद या मटमेला हो जाता है और मुँह का स्वाद भी ख़राब हो जाता है और मुँह से दुर्गन्ध भी आने लगता है। कब्ज के मरीज़ को भूख भी नहीं लगती है और साथ मै मतली और उलटी की सम्भावना बनी रहती है और पेट मै बहुत ज्यादा गैस बना रहता है, शौचालय से आने के बाद भी अधूरे मल त्याग की भावना बना रहना, पेट मै सूजन या पेट दर्द आदि भी कब्ज के लक्षणों मै आते है।
कब्ज के क्या कारण होते है?
large intestine का मुख्य काम खाने से पानी को अवसोसित करना होता है इसके बाद खाना मल मै कन्वर्ट हो जाता है पजीर large intestine की मस्सपेशीयां मल को मलाशय के रास्ते बाहर निकालदेता है अगर मल large intestine मै बहुत लम्बे समय तक रहता है तो वो सख्त हो जाता है और फिर उससे बाहर निकालने मै बहुत कठिन हो जाता है ख़राब भोजन हमेशा कब्ज का कारण बनता है जैसे :- कम फाइबर वाला भोजन खासकर मसाहरी भोजन, दूध से बना सामान, फास्टिंग व्रत, व्यायाम की कमी,शराब का अत्यधिक सेवन, ड्रग एडिकेशन, प्रेग्नेंसी, हार्मोनल प्रॉब्लम इत्यादि।
 कब्ज का घरेलु उपाए क्या है?
सुबह उठने के बाद गर्म पानी पिए और कुछ देर टहले आप को कब्ज मै बहुत आराम मिलेगा। अजवाइन और जीरे को हल्के आंच पर भूनकर उससे चूर्ण तैयार करें। अब इस चूर्ण में काला नमक पीस कर मिला लें। इस चूर्ण को हर दिन करीब आधा चम्मच हल्के गर्म पानी के साथ लें। आसानी से पचने वाला भोजन करें,कब्ज की समस्या को दूर करने के लिए आपको खानपान में बदलाव की सबसे अधिक जरूरत होती है। कब्ज से बचना चाहते हैं तो ऐसा भोजन करें जो आसानी से और बढ़िया तरीके से पच जाए। इसके साथ ही आपको हर दिन पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करना है। अधिक समय तक भूखा रहने से भी कब्ज की परेशानी हो सकती है, बीच-बीच में कुछ खाते रहे, ज्यादा समय कर उपवास न करें। सुबह की फ्रेश हवा में बैठ कर प्राणायाम करें तो आपकी पेट संबंधी परेशानियां खत्म हो जाएगी। कपालभाति, अनुलोम विलोग जैसे प्राणायाम जरूर करें। रात को सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में कुछ बूंदे घी की मिला लें और इसका सेवन करें. ऐसा नियमित करने से पेट साफ होने लगता है और कब्ज की परेशानी खत्म हो जाती है.
कब्ज की आयुर्वेदिक इलाज़ क्या है?
कब्ज की आयुर्वेदिक इलाज इस प्रकार है. टेबलेट Consti-Gone  रात को सोते वक़्त गर्म पानी के साथ ले सुबह आप फ्रेश फील करेंगे।
पेट साफा चूरन का उपयोग करे या
softovac पाउडर, इसबगोल की भूसी भी सुबह सुबह लेने से पेट साफ हो जाता है।
कब्ज की अल्लोपैथिक इलाज़।
टेबलेट दुलकोफ्लेक्स रात मै सोने वक़्त 2 गोल्ली रोज़ ले।
 सिरप मिल्क ऑफ़ मागनेसिया, लूज़, cremafen ले और अगर ज्यादा दर्द होता हो मल त्यागने वक़्त तो lignocaine जेली को गुढ़ा द्वार पर मल त्यागने के 10 मिनट पहले लगाले। अगर मल त्यागने वक़्त ब्लीडिंग होता हो तो फिर क्लॉथ टेबलेट सुबह शाम ले।
ऊपर दिए दवा से भी मल त्यागने मै कठिनाय हो तो एनेमा 30ml व्यस्क मरीज को दिया जाता है वो भी गुढ़ा मार्ग से।
नोट :- ह्यपोथाइरोदीस्म के मरीज मै कब्ज रहता है इसलिए ऐसे मरीज को अपना थाइरोइड लेवल और TSH का लेवल नार्मल रखना चाहिए।

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आपका अपना मित्र
रवि शंकर मेहता
MBA from एमिटी यूनिवर्सिटी नॉएडा
11 year फार्मा कंपनी एक्सपीरियंस
4 year क्लिनिक प्रैक्टिक्स और हॉस्पिटल।

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Sunday, February 19, 2023

लकवा क्या है, लकवा क्यों होता है, लकवा का इलाज,

मैं रवि शंकर मेहता आप सबका चित परिचित मित्र, आज फिर एक नई विषय के साथ आया हूं, आप सबको इस लेख के माध्यम से  मैं आपको बताऊंगा  लकवा क्या है, लकवा का इलाज, लकवा के कारण इत्यादि।
लकवे को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल होते हैं कि आखिर लकवे का कैसे पता किया जा सकता है और इसका क्या असर होता है? ऐसे में जानते हैं इससे जुड़े हर एक सवाल का जवाब...
समझिए आखिर लकवा होता क्यों है? क्या इसका पहले से पता लगाया जा सकता है अगर लकवा हाथ, पांव में होता है तो आप चलने और लिखने में दिक्कत होगी. आपने अपने आस-पास में सुना होगा कि किसी को लकवा मार गया है. हो सकता है आपके परिवार में भी किसी के साथ हुआ हो. लकवा एक ऐसी बीमारी है, जिसके बारे में पहले से कुछ पता नहीं चलता है और एक दम से दिक्कत हो जाती है. ऐसे में लोगों के मन में लकवे को लेकर कई तरह के सवाल रहते हैं कि आखिर इसके लक्षण क्या हैं, यह क्यों होता है और इसका पहले से पता लगाया जा सकता है या नहीं. ऐसे में जानते हैं लकवे से जुड़ी खास बातें, जो ना सिर्फ आपको जागरूक करती है, बल्कि आप इनके बारे में जानकर किसी बड़ी दिक्कत को टाल सकते हैं. तो जानते हैं इससे जुड़ी हर एक बात…
 लकवा क्या है और यह क्यों होता है ? अचानक ब्रेन के किसी एरिया में डैमेज हो यानी खून सप्लाई को लेकर जो डैमेज होता है, उसकी वजह से लकवा आता है. इससे होता क्या है कि शरीर के एक तरफ के हिस्से जैसे एक हाथ या एक पांव में काफी ज्यादा कमजोरी आ जाती है. किस वजह से आता है लकवा।
लकवा के कारण?
लकवा के आम तौर पर दो कारण माने जाते हैं. इसमें एक कारण तो ब्रेन हैम्ब्रेज है यानी ब्रेन में जाने वाली ब्लड की पाइप फट जाना. दूसरा कारण है इस ब्लड पाइप में कोई ना कोई ब्लॉक हो जाना. माना जाता है कि ज्यादातर केस पाइप ब्लॉक होने वाले ही होते हैं और अधिकतर लोगों के इस वजह से लकवा आता है. कई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि 85 फीसदी लकवा के केस पाइप ब्लॉक होने के वजह से होते हैं, जबकि 15 फीसदी मामले अन्य कारणों से होते हैं. अगर रिस्क फैक्टर की बात करे तो डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, लिपिड प्रोफाइल बढ़ी हो तो इसका खतरा बढ़ सकता है. इसके अलावा जिन लोगों को हार्ट संबधी दिक्कत होती है और ब्लड का थक्का जमने की दिक्कत रहती है तो कई बार थक्का धीरे-धीरे दिमाग तक पहुंच जाता है वहां जम जाता है, जो लकवे का कारण बनता है. ऐसे में इन बीमारियों को लकवे का रिस्क फैक्टर माना जाता है.
लकवा का कोई संकेत होता है या नहीं?
अक्सर लोगों के सवाल होते हैं कि क्या ऐसे कोई संकेत होते हैं, जिनसे ये पता लगाया जा सके कि किसी को आगे लकवे की शिकायत हो सकती है. ताकि व्यक्ति पहले से सतर्क रहे और आगे की दिक्कत के लिए सतर्क रहें. इस पर एक्सपर्ट का कहना है कि बहुत कम केस में इसका पहले से पता किया जा सकता है, क्योंकि यह कुछ ही मिनटों में हो जाता है और संभलने के लिए पहले से वक्त नहीं मिलता है. मगर जिन केसों में पहले पता चलता है, उन लक्षणों की बात करें तो इसमें पहले एक छोटा सा लकवा आता है. यह होता लकवे की तरह ही है, लेकिन यह कुछ ही मिनटों में ठीक हो जाता है. जैसे कुछ देर बोलने में दिक्कत होती है और कुछ देर के लिए शरीर के एक तरफ के हिस्से में कमजोरी होने लगती है. इस केस को डॉक्टर्स टीआईए के नाम से जानते हैं. ऐसे में इस लकवा का संकेत माना जा सकता है.
 लकवा के लक्षण?
अगर लकवे के लक्षण की बात करें तो अगर लकवा हाथ, पांव में होता है तो आप चलने और लिखने में दिक्कत होगी और कमजोरी आ जाएगी. वहीं, जिन लोगों को चेहरे में लकवा आता है, उन लोगों को बोलने और खाना खाने में दिक्कत होगी. इसके अलावा कमजोरी होने से काफी दिक्कतें और भी शुरू हो जाती हैं, जिसमें बेड सोर्स आदि कई तरह की दिक्कतें शमिल हैं. लकवा का इलाज डॉक्टर के देखरेख में कराना चाहिए।
लकवा में जो दवाइयां दी जाती है वह इस प्रकार है, कोई भी दवाई लेने से पहले डॉक्टर से अवश्य परामर्श ले।
इंजेक्शन डेक्सोना 1ml आईएम स्टेट
इंजेक्शन traxol-से 1.5gm सुबह शाम IV stat
इंजेक्शन CB Max /CB12 OD/BD मरीज़ के अनुसार IM stat OD
इंजेक्शन Mecalvit OD IM stat
इंजेक्शन Recalvin OD IM stat
इंजेक्शन कंप्लेंमीना 1ampule alternet day 15 डेज
टेबलेट कंप्लेंमीना 300mg BD one मंथ टेबलेट Trental 400mg BD 1मंथ
टेबलेट Deflozacort 6mg 15days TID after 15days BD to 2month
टेबलेट मल्टीविटामिन OD 1month
tablet कैल्शियम 500mg 1month
हेलियस आयल से मसाज करे 1month एक्सरसाइज जितना हो उतना करे,
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 आपका मित्र।
रवि शंकर मेहता
MBA, Amity university
12 year pharma experiance
4year hospital न clinic प्रैक्टिस

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